
भारत ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों के लिए शुरू की हेल्पलाइन, बढ़ाई जाएगी उड़ानों की संख्या
क्या है खबर?
यूक्रेन को लेकर पश्चिमी देशों और रूस के बीच बढ़े तनाव को देखते हुए भारत भी लगातार स्थिति पर नजर रख रहा है और वहां फंसे भारतीयों को लिए आवश्यक कदम उठा रहा है।
इसी कड़ी में यूक्रेन में भारतीय दूतावास और विदेश मंत्रालय ने वहां फंसे भारतीयों की मदद के लिए 24 घंटे हेल्पलाइन सेवा शुरू की है।
इसके अलावा सरकार भारतीयों को वहां से निकालने के लिए उड़ानों की संख्या बढ़ाने का भी प्रयास कर रही है।
बयान
विदेश मंत्रालय ने दी हेल्पलाइन की जानकारी
भारतीय विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन में भारतीय नागरिकों की मदद के लिए स्थापित किए गए कंट्रोल रूम की जानकारी दी है।
मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन में फंसे सभी भारतीय नागरिक और उनके परिवार आपात स्तिथी में नियंत्रण कक्ष पर फोन कर कभी भी मदद मांग सकते हैं।
इसके अलावा वह इस कंट्रोल रूम के जरिए सभी सवालों के जवाब भी हासिल कर सकते हैं। यह कंट्रोल रूम 24 घंटे संचालित रहेगा और अधिकारी लोगों की मदद करेंगे।
हेल्पलाइन
इन नंबरों पर बात कर सकते हैं भारतीय नागरिक
विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिक मदद के लिए किसी भी समय टोल फ्री नंबर 1800118797 पर कॉल कर सकते हैं।
इसके अलावा इन फोन नंबरों पर भी संपर्क किया जा सकता है- +91 11 23012113, +91 11 23014104, +91 11 23017905
इसी तरह +91 11 23088124 पर फैक्स कर सकते हैं और [email protected] पर ईमेल कर सकते हैं।
आपातकालीन 24x7 हेल्पलाइन- +380 9997300428, +380 997300483
ईमेल- [email protected]
वेबसाइट- eoiukraine.gov.in
प्रयास
उड़ानों की संख्या बढ़ाने के किए जा रहे हैं प्रयास- दूतावास
यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने ट्वीट कर लोगों से भारत आने के लिए अतिरिक्त उड़ानों की व्यवस्था करने की भी जानकारी दी है।
दूतावास ने लिखा, 'हमें लोगों को उड़ानें नहीं मिलने की खबरों की जानकारी है। यूक्रेन में रहने वाले भारतीयों को घबराने की जरूरत नहीं हैं। हम यूक्रेन से उड़ानों की संख्या बढ़ाने के लिए कई एयरलाइंस के साथ बातचीत कर रहे हैं। जल्द ही उड़ानों के संबंध में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।'
एडवाइजरी
विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को जारी की थी एडवाइजरी
बता दें कि यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने मंगलवार को भारतीय नागरिकों के लिए एडवाइजरी भी जारी की थी। जिसमें भारतीय नागरिकों, खासकर ऐसे छात्र जिनका रुकना जरूरी नहीं है, उन्हें मौजूदा स्थिति को देखते हुए यूक्रेन छोड़ने की सलाह दी गई थी।
इसके अलावा भारतीय नागरिकों को यूक्रेन में सभी गैर-जरूरी यात्रा से बचने को कहा था।
बता दें कि अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम (UK), न्यूजीलैंड आदि भी अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी कर चुके हैं।
डाटा
यूक्रेन में रह रहे हैं करीब 20,000 हजार भारतीय
यूक्रेन में रह रहे भारतीयों की संख्या की पुख्ता जानकारी अभी नहीं है, लेकिन 2020 के एक आधिकारिक दस्तावेज के मुताबिक, यूक्रेन में करीब 20,000 भारतीय रह रहे हैं। इनमें से करीब 18,000 छात्र हैं, जो विभिन्न पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कर रहे हैं।
पृष्ठभूमि
यूक्रेन को लेकर क्यों बना हुआ है विवाद?
यूक्रेन को लेकर तनाव के काई छोटे-छोटे कारण हैं, लेकिन इसकी मुख्य वजह यूक्रेन की पश्चिमी यूरोप और नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) से बढ़ती नजदीकियां हैं।
दरअसल, यूक्रेन पश्चिमी यूरोप के करीब जा रहा है और NATO में शामिल होना चाहता है, जो शीत युद्ध के समय रूस के खिलाफ बना एक सैन्य गठबंधन है।
रूस की चिंता है कि अगर यूक्रेन NATO में शामिल होता है तो NATO के सैन्य ठिकाने बिल्कुल उसकी सीमा के पास आ जाएंगे।
चाहत
क्या चाहता है रूस?
रूस ने यूक्रेन की सीमा पर एक लाख सैनिक तैनात कर रखे हैं और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका और पश्चिमी देशों से 'कानूनी गारंटी' मांगी है कि यूक्रेन को NATO में शामिल नहीं कराया जाएगा। उन्होंने पूर्वी यूरोप में NATO की सैन्य गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग भी की है।
अमेरिका ने रूस को कई बार चेताया है कि अगर उसने आक्रमण किया तो उस पर गंभीर प्रतिबंध लगाए जाएंगे और NATO में भी बदलाव हो सकता है।