
पुणे पोर्शे मामले में आरोपी डॉक्टर किडनी प्रत्यारोपण गिरोह में भी शामिल, गिरफ्तार
क्या है खबर?
महाराष्ट्र के चर्चित पुणे पोर्शे मामले में जेल में बंद डॉ अजय टावरे को किडनी प्रत्यारोपण गिरोह में लिप्त पाया गया है। उनको गुरुवार को जेल से गिरफ्तार किया गया।
ससून जनरल अस्पताल के पूर्व चिकित्सा अधीक्षक डॉ टावरे पर प्रमुख अस्पताल रूबी हॉल क्लिनिक में 2022 में किडनी प्रत्यारोपण गिरोह में शामिल होने का आरोप है।
टावरे अभी यरवदा सेंट्रल जेल में बंद हैं। टावरे को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
मामला
पुलिस ने क्या कहा?
पुलिस उपायुक्त (अपराध) निखिल पिंगले ने किडनी रैकेट मामले में डॉ टावरे की गिरफ्तारी की पुष्टि की। टावरे 2022 में क्षेत्रीय प्राधिकरण समिति के प्रमुख थे, जो किडनी प्रत्यारोपण को मंजूरी देती है।
उस साल मार्च में रूबी हॉल क्लिनिक के प्रबंध ट्रस्टी और उसके कुछ कर्मचारियों सहित 15 लोगों के खिलाफ किडनी प्रत्यारोपण प्रक्रिया के दौरान कथित कदाचार के संबंध में मामला दर्ज किया था।
सभी पर किडनी प्रत्यारोपण प्रक्रिया में गलत तरीके का उपयोग करने का आरोप था।
मामला
कैसे सामने आया मामला?
कोल्हापुर की एक महिला ने एक व्यक्ति की पत्नी होने का दावा कर 2022 में एक युवती को अपनी किडनी दी, जिसके बदले युवती की मां ने महिला के पति को किडनी दी।
यह अदला-बदली तब होती है, जब मरीजों का रक्त समूह बेमेल होने के कारण रिश्तेदारों से किडनी नहीं मिल पाती।
प्रत्यारोपण सर्जरी के 4 दिन बाद महिला ने 15 लाख रुपये को लेकर विवाद शुरू कर दिया और उसने अपनी असली पहचान उजागर कर दी।
विवाद
क्या है पुणे पोर्शे मामला, जिससे डॉक्टर का जुड़ाव है?
19 मई, 2024 को पुणे के कल्याणी नगर में रात ढाई बजे पोर्शे कार चला रहे एक नाबालिग ने बाइक सवार महिला और पुरुष को टक्कर मार दी, जिससे उनकी मौत हो गई।
नाबालिग आरोपी को कोर्ट ने सिर्फ निबंध लिखने की सजा के साथ 15 घंटे में जमानत दे दी, जिसका खूब विरोध हुआ। इसके बाद आरोपी की जमानत रद्द हुई।
मामले में डॉ टावरे ने नाबालिग आरोपी के खून से छेड़छाड़ कर सबूत मिटाने की कोशिश की थी।