Page Loader
महाराष्ट्र: भाजपा-शिवसेना की फिर हुई दोस्ती, साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगी दोनों पार्टियां

महाराष्ट्र: भाजपा-शिवसेना की फिर हुई दोस्ती, साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगी दोनों पार्टियां

Feb 19, 2019
11:12 am

क्या है खबर?

महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिवसेना साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगी। दोनों पार्टियों के बीच आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए समझौता हो गया है। कुल 48 लोकसभा सीटों वाले महाराष्ट्र में भाजपा 25 सीटों पर जबकि शिवसेना 23 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। विधानसभा चुनावों के लिए भी दोनों पार्टियों में समझौता हो गया है। गठबंधन की दूसरी पार्टियों की उनके हिस्से की सीट देने के बाद दोनों पार्टियां विधानसभा में बराबर सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।

गणित

महाराष्ट्र का चुनावी गणित

महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना ने 2014 में मिलकर चुनाव लड़ते हुए 48 में से 41 लोकसभा सीटें जीती थी। भाजपा ने 26 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें से 23 जीती, जबकि शिवसेना ने 22 में से 18 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसके लगभग 5 महीने बाद हुए विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों ने अलग-अलग होकर चुनाव लड़ा था। तब भाजपा को 288 विधानसभा सीटों में से 122 और शिवसेना को 63 सीटों पर जीत मिली थी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस

अमित शाह और उद्धव ठाकरे ने की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस

दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच हुई लंबी बैठक में गठबंधन पर मुहर लगी। बैठक के बाद उद्धव ठाकरे और अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस भी मौजूद थे। शाह ने कहा कि शिवसेना भाजपा की सबसे पुरानी दोस्त है। पार्टी ने हर अच्छे-बुरे वक्त में भाजपा का साथ दिया है। उन्होंने कहा कि वे पुराने मनमुटाव भुलाकर आगे बढ़ना चाहते हैं। शाह ने कहा कि यह गठबंधन 48 में से 45 सीटें जीतेगा।

डाटा

देवेंद्र फडनवीस बोले- दोनों पार्टियों का पुराना रिश्ता

प्रेस कॉन्फ्रेंस में देवेंद्र फडनवीस ने कहा कि दोनों पार्टियां सैद्धांतिक रूप से हिंदूवादी हैं। उन्होंने कहा कि पिछला विधानसभा चुनाव दोनों पार्टियां अलग-अलग लड़ी थी, लेकिन इसके बावजूद मिलकर सरकार चलाई है।

बयान

उद्धव ठाकरे बोले- गलतफहमियां दूर करने का वक्त

शिवसेना प्रमुख ठाकरे ने कहा कि अगर दोनों पार्टियों के बीच गलतफहमियां बनी रहीं तो उन लोगों को मौका मिलेगा, जिनके खिलाफ वे 50 साल से लड़ते आए हैं। उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों के बीच बराबर सीटें बांटी गई हैं। जिम्मेदारियां भी बराबर बांटी जाएंगी। ठाकरे ने कहा कि चार महीने में विधानसभा चुनाव हैं। लोग शिवसेना और भाजपा को 30 साल से देख रहे हैं। पांच साल के लिए कुछ कंफ्यूजन था, जिसे अब भुलाने का वक्त है।

ट्विटर पोस्ट

प्रधानमंत्री मोदी ने गठबंधन पर जताई खुशी

राजनीति

भाजपा पर हमलावर थी शिवसेना

पिछले कुछ समय से शिवसेना भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का हिस्सा होते हुए भी सरकार पर खूब हमलावर थी। राफेल डील को लेकर शिवसेना ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि अगर कुछ गड़बड़ नहीं हुई है तो सरकार JPC बनाने से क्यों डर रही है। वहीं तीन राज्यों में भाजपा की हार के बाद शिवसेना ने तंज कसते हुए कहा था कि ज्यादा उड़ने वालों को जनता ने जमीन पर उतार दिया है।

मायने

भाजपा-शिवसेना गठबंधन के मायने

महाराष्ट्र में 48 लोकसभा सीट है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के बाद दिल्ली की सत्ता दिलाने में महाराष्ट्र बड़ी भूमिका निभाएगा। दोनों पार्टियों के साथ आने से जहां चुनावों से ऐन पहले NDA को मजबूती मिली है, वहीं विपक्षी पार्टियों के लिए यह गठबंधन बड़ी चुनौती बनेगा। एक तरफ जहां भाजपा चुनावों से पहले अपने ही सहयोगी से घिरने से बचेगी, तो दूसरी तरफ ये गठबंधन विपक्षी पार्टियों का खेल बिगाड़ सकता है।

OSZAR »