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महाराष्ट्र: NCP को बड़ा झटका, कई विधायकों के साथ शिंदे सरकार में शामिल हुए अजित पवार
अजित पवार ने NCP के कई विधायकों के साथ मिलकर शिंदे सरकार को समर्थन दे दिया

महाराष्ट्र: NCP को बड़ा झटका, कई विधायकों के साथ शिंदे सरकार में शामिल हुए अजित पवार

लेखन आबिद खान
Jul 02, 2023
03:04 pm

क्या है खबर?

महाराष्ट्र में बड़ी सियासी हलचल हो रही है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता अजित पवार राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे हैं और उन्होंने एकनाथ शिंदे सरकार को समर्थन दे दिया है। उनके पीछे-पीछे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी राजभवन पहुंचे चुके हैं। इसके बाद अजित को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ भी दिला दी गई। अजित के साथ NCP के क विधायक भी हैं। इससे पहले अजित ने अपने घर पर NCP विधायकों की आपात बैठक बुलाई थी।

बैठक

अजित ने बुलाई थी विधायकों की बैठक

राजभवन पहुंचने से पहले अजित ने अपने आवास पर विधायकों की आपात बैठक बुलाई थी। इसमें दिलीप वलसे पाटील, छगन भुजबल, किरण लहमाटे, धनंजय मुंडे, मकरंद पाटील, शेखर निकम समेत करीब 17 विधायक शामिल हुए थे। सुप्रिया भी इसमें शामिल हुई थीं, लेकिन बीच में ही उठकर चली गईं। NCP अध्यक्ष शरद पवार बैठक में शामिल नहीं हुए थे। कहा जा रहा है कि वे इस वक्त पुणे में हैं।

बैठक

बैठक के बारे में मुझे जानकारी नहीं- शरद

आज अजित के घर पर हुई बैठक के बारे में शरद को पता नहीं था। बैठक के बारे में पूछे जाने पर शरद ने कहा था, "मुझे ठीक से नहीं पता कि यह बैठक क्यों बुलाई गई है, लेकिन विपक्ष के नेता होने के नाते, उन्हें (अजित पवार) विधायकों की बैठक बुलाने का अधिकार है। वह नियमित रूप से ऐसा करते हैं। मुझे इस बैठक के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।"

नाराजगी

शरद पवार नाराज चल रहे थे अजित

कई दिनों से शरद और अजित के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था। हाल ही में शरद ने सुप्रिया और प्रफुल्ल को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया था। कहा गया कि ये कदम अजित को साइडलाइन करने के लिए उठाया गया। इसके बाद अजित ने संगठन में लौटने की इच्छा जताई थी। उन्होंने कहा था, "मुझे नेता विपक्ष बने रहने में कोई दिलचस्पी नहीं है। अगर पार्टी में मुझे कोई नई जिम्मेदारी मिलती है तो उसे बखूबी निभाऊंगा।"

2019

पहले भी ऐसा कर चुके हैं अजीत 

आज से 4 साल पहले भी अजित इस तरह का कदम उठा चुके हैं। 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत हासिल की थी। मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद के बाद शिवसेना ने कांग्रेस और NCP के साथ बातचीत शुरू कर दी। इस बीच अजित ने रातोंरात सरकार बनाने के लिए फडणवीस को समर्थन दे दिया और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली।

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