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अजित पवार की बगावत: NCP का क्या होगा और अब शरद पवार के पास क्या विकल्प?
अजित पवार के पास अगर 36 से ज्यादा विधायकों को समर्थन है तो उन पर दलबदल कानून लागू नहीं होगा

अजित पवार की बगावत: NCP का क्या होगा और अब शरद पवार के पास क्या विकल्प?

लेखन आबिद खान
Jul 02, 2023
06:48 pm

क्या है खबर?

आज सुबह तक महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता अजित पवार अब राज्य के उपमुख्यमंत्री बन चुके हैं। उन्होंने पार्टी के कई विधायकों के साथ बगावत करते हुए एकनाथ शिंदे सरकार को समर्थन दे दिया है। अब अजित NCP के नाम और चुनाव चिन्ह पर भी दावा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 'पूरी पार्टी' उनके साथ है। समझते हैं अब NCP का भविष्य क्या होगा।

दावा

अजित ने NCP पर किया दावा 

उपमुख्यमंत्री बनने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में अजित ने कहा, "सबसे ज्यादा विधायक और सांसद मेरे साथ हैं। पार्टी और चुनाव चिन्ह मेरा है। हम अगला चुनाव NCP के चुनाव चिह्न पर लड़ेंगे। आने वाले दिनों में कई और चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल होंगे। हमें पार्टी में सभी का आशीर्वाद प्राप्त है। आज हम सभी ने शिंदे-फडणवीस सरकार में शामिल होने का निर्णय लिया है। NCP में नए लोगों को मौका मिलना चाहिए।"

दलबदल

क्या अजित पर दलबदल कानून लागू होगा?

अगर किसी पार्टी के कुल विधायकों में से दो-तिहाई दूसरी पार्टी में जाते हैं तो दलबदल कानून लागू नहीं होता। NCP के वर्तमान में 54 विधायक है। इस हिसाब से देखा जाए तो दलबदल कानून से बचने के लिए अजित को कम से कम 36 विधायकों का समर्थन जरूरी है। अजित दावा कर रहे हैं कि उनके साथ 40 विधायक हैं। अगर ये संख्या 36 से कम हुई तो अजित और बाकी विधायकों की सदस्यता खतरे में है।

विकल्प

अजित के पास क्या हैं विकल्प?

सबसे पहले अजित को NCP के चुनाव चिन्ह पर कब्जा करने के लिए चुनाव आयोग (ECI) जाना होगा। ECI कई पहलूओं को ध्यान में रखते हुए चुनाव चिन्ह पर फैसला करेगा। ये ठीक पिछले साल शिवसेना में शिंदे गुट की बगावत के बाद पैदा हुई स्थिति की तरह ही है। ECI चाहे तो NCP के चुनाव चिन्ह को फ्रीज भी कर सकता है और दोनों गुटों को अलग-अलग चुनाव चिन्ह आवंटित कर सकता है।

शरद

शरद के पास मौजूद हैं 3 रास्ते

शरद पवार के पास फिलहाल 3 रास्ते मौजूद हैं। पहला- वे विधानसभा में किसी और को नेता प्रतिपक्ष बनाकर बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर सकते हैं। दूसरा- वे हाई कोर्ट का रुख कर सकते हैं। तीसरा- वह NCP पर अधिकार को लेकर ECI का दरवाजा खटखटा सकते हैं। इस स्थिति में ECI पहले NCP का चुनाव चिह्न फ्रीज करेगी और फिर पार्टी पर अधिकार को लेकर फैसला देगा।

बयान

बगावत के बाद क्या बोले शरद?

मामले पर शरद ने कहा कि उन्होंने कल पार्टी नेताओं की एक बैठक बुलाई है, जहां इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा, "मुझे बहुत से लोगों से फोन आ रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अन्य लोगों ने मुझे फोन किया है। आज जो कुछ भी हुआ मुझे उसकी चिंता नहीं है। कल मैं वाईबी चव्हाण (महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री) का आशीर्वाद लूंगा और एक सार्वजनिक बैठक करूंगा।"

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